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ग्रीन बोनस: मांग अच्छी मगर तर्क गलत

इसमें कोई शक नहीं कि हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों को पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान के लिए श्रेय देने और इस काम में होने वाले खर्च की भरपाई करने के लिए ग्रीन बोनस देना एक अच्छा कदम होगा। हिमाचल के बड़े इलाके में फैले वनों का पर्यावरण के लिए बहुत अहम योगदान है। अगर इसे ग्रीन बोनस दिया गया तो प्रदेश को वनों से जुड़े सख्त नियमों के कारण होने वाली दिक्कतों से निपटने में भी कुछ हद तक मदद मिल सकती है। हालांकि, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री को इस बोनस की वकालत करते समय अपने शब्दों का चयन सावधानी से करना चाहिए। हाल ही में, मुख्यमंत्री ने दूसरी बार जोर देकर कहा है कि हिमाचल प्रदेश वन नहीं काट पा रहा है। यह एक ऐसा बयान है जिसये यह लग जा सकता है कि हिमाचल वनों को संरक्षित करने में आने वाले खर्च का मुआवजा मांगने के बजाय अपना राजस्व बढ़ाने के लिए वन संसाधनों का दोहन करने में ज्यादा दिलचस्पी रखता है। इस तरह के बयान अनजाने में ही सही, गलत संदेश दे सकते हैं। ऐसा लग सकता है कि यदि ग्रीन बोनस नहीं दिया जाता है तो राज्य अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए वनों की कटाई पर विचार कर सकता है। ऐसा स...

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