वो जगह और वो न समझ पाने वाले लोग


तस्वीर: विंच कैंप, जोगिंदर नगर। साभार: HolidayIQ

 "यहां से लगभग पूरा जोगिंदर नगर दिखाई देता है", विंच कैंप में ट्रॉली के लिए लगे बफर स्टॉप पर बैठे अजय ने कहा।

"लेकिन शायद जोगिंदर नगर को ये जगह कभी नहीं दिखाई दी", बेंगलुरु से आया अजय का दोस्त विक्रम अपना चश्मा साफ करते हुए बोला।

अजय ने विक्रम की ओर देखते हुए कहा, "समझा नहीं।"

"हम्म... वही तो बात है", यह कहकर विक्रम ने मुस्कुराते हुए चश्मा लगाया और भभोरी धार के पार अस्त होते सूरज की लालिमा में चमक रही सर्पिल ब्यास को निहारने लगा।


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