मैं पिटने ही वाला था कि अचानक आई एक आवाज...
बात उस वक्त की है जब मैं हमीरपुर के एक स्कूल में पढ़ रहा था। वहां लोकल बनाम दूसरी जगहों से आकर हॉस्टल में रह रहे छात्रों के बीच एक खिंचाव सा बना रहता था। एक बार मेरी एक लोकल लड़के से बहस हो गई और उसने अपने साथियों के साथ मुझे घेर लिया। लगा कि अब तो धुनाई तय है। तभी एक आवाज सुनाई दी- कोई हाथ नहीं लगाएगा इसे।
मुझे लगा कि यह घोषणा करने वाला अकेले ही मुझे पीटना चाहता है। अगले ही पल देखा कि माथे पर टीका लगाए एक लंबा सा लड़का भीड़ को चीरकर आगे आया और वहां खड़े लड़कों से बोला- निकलो यहां से, वरना ठीक नहीं होगा। यह सुनकर सब लोग चले गए और वह लड़का भी बिना कुछ कहे वहां से चला गया।
दूसरे सेक्शन में पढ़ने वाले इस लड़के से हाथ मिलाने और सामना हो जाने पर मुस्कुराकर आगे बढ़ जाने के अलावा कभी कोई बात नहीं हुई थी। मगर उस दिन मेरे लिए वह संकटमोचक बनकर आया था। बाद में मैंने शुक्रिया कहा तो बस मुस्कुरा दिया।
वह लड़का आज फिर हमीरपुर का विधायक चुना गया है। आशीष शर्मा, जिसने 2022 के चुनावों से पहले कांग्रेस और बीजेपी, दोनों के प्रपंचों के बावजूद निर्दलीय लड़कर जीत हासिल की थी और दबाव भरे हालात में सवा साल बाद ही इस्तीफा देकर उपचुनाव लड़ा तो न सिर्फ सत्ताधारी दल को मात दी, बल्कि भीतरघात को भी नाकाम किया।
बहुत बधाई और शुभकामनाएं।
Comments